2022 में अत्याधिक बारिश से ख़राब फसल के मुआवज़े के लिए डीसी से मिले आफ़ताब अहमद

17 करोड़ रुपये से अधिक का मुआवज़ा लंबित, कुल 33 करोड़ था मुआवज़ा

सुफ़यान सैफ / मेवात टाइम्स नेटवर्क
नूहं : सोमवार को कांग्रेस विधायक दल के उपनेता व नूंह विधायक चौधरी आफ़ताब अहमद ने ज़िला उपायुक्त श्री धीरेन्द्र खड़गटा, आईएएस से मिलकर 2022 में भारी वर्षा से रबी की फसल ख़राबे के मुआवज़े को बाँटने की माँग की है। इस दौरान दर्जनों गाँवों के किसान व पीसीसी सदस्य महताब अहमद उनके साथ मौजूद थे। कुल 33 करोड़ रुपये में से अभी लगभग 17 क़रोड़ रुपये का मुआवज़ा बिना बँटे पड़ा है जिसके लिए विधायक फिर ज़िला उपायुक्त से मिले।
बता दें कि नूंह विधायक व कांग्रेस विधायक दल के उप नेता चौधरी आफताब अहमद ने बीते दिनों विधानसभा में मेवात के किसानों को मुआवजा बांटने व जल भराव का मुद्दा मजबूती से उठाया था। सरकार को घेरते हुए प्रदेश व मेवात में 2022 में वर्षा व जल भराव से खराब हुई रबी फसल का मुआवजा किसानों तक नहीं पहुंचने का मुद्दा सदन में प्रभावी तरीक़े से रखा था।
उन्होंने उस दौरान जिले के प्रभावित किसानों को मुआवज़ा बाँटने में देरी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय करने की बात भी कही। सदन में तत्कालीन उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को आश्वासन देना पड़ा कि जिला उपायुक्तों को जरूरी निर्देश देकर मुआवजे को जल्द बांटना सुनिश्चित किया जाएगा।विधायक आफ़ताब अहमद ने कई बार धरना प्रदर्शन कर इस मुद्दे को उठाया था क्योंकि तीन बार अलग अलग वजहों से पैसा वापस भेजा गया और किसानों को वंचित होना पड़ा था।
अब फिर सोमवार को विधायक आफ़ताब अहमद नूँह ज़िला उपायुक्त से मिलकर 17 करोड़ से अधिक के उस लंबित मुआवज़े को बाँटने के लिए मिले। ज़िला उपायुक्त ने भरोसा दिया कि बहुत जल्द मुआवज़ा बंटना शुरू कर दिया जाएगा। विधायक ने सरपंचों पूर्व सरपंचों को भी निर्देश दिये हैं कि इस कार्य में स्थानीय किसानों की मदद व प्रशासन से तालमेल कर जल्द मुआवज़ा बँटवारा पूरा किया जाय।
बता दें कि बीते मार्च पैसा ज़िले में मुआवज़ा आवंटन के लिए आया था लेकिन प्रशासनिक दिक़्क़तों के कारण उसे वापस भेजना पड़ा था जिसकी लड़ाई स्थानीय विधायक आफ़ताब अहमद ने विधानसभा में लड़ी और अब वो पूरा पैसा वापस नूँह आ हुआ है और आवंटित होने जा रहा है।
पत्रकारों से बातचीत में विधायक आफ़ताब अहमद ने कहा कि 2 सालों में मुआवज़ा नहीं बाँट पाना सरकार की विफलता के साथ साथ मानसिकता को दर्शाता है। कई बैठकों, धरना प्रदर्शनों व विधानसभा में आवाज़ उठाने के बाद अब जाकर ये मुआवज़ा बंटने जा रहा है, समय पर किसान को पैसा नहीं मिलना भी उनके साथ अन्याय ही है।
कभी पटवारियों की हड़ताल की आड़ लेकर, कभी आचार संहिता का बहाना बनाकर तीन तीन बार पैसा वापस भेजा गया है। इसलिए ग्राम जनप्रतिनिधियों से भी कहकर जल्द आवंटन में मदद के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि इस बार पूरा पैसा मुआवज़ा आवंटन होगा, आधी अधूरी कार्यशैली बर्दाश्त नहीं होगी।
विधायक आफ़ताब अहमद ने कहा कि इतनी लेट लतीफ़ी से मुआवज़ा बाँटना बीजेपी सरकार की किसान विरोधी मानसिकता को दर्शाता है, किसान की आय दुगना करने का जुमला देने वाली सरकार उनका मुआवज़ा तक दो ढाई सालों में देने में विफल रही है।

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